रुमी एक ऐसा ही छोटे क़द का इंसान था हमारे मौहल्लै में लेकिन था बहुत हंसमुख ! रुमी एक ऐसा ही छोटे क़द का इंसान था हमारे मौहल्लै में लेकिन था बहुत हंसमुख !
उसकी गुरु माँ ने उसे रास्ते में खाने के लिए सत्तु दिया था। वह भारी और उदास मन से सोचते हुए जा रहा था... उसकी गुरु माँ ने उसे रास्ते में खाने के लिए सत्तु दिया था। वह भारी और उदास मन से...
स्वंय पर भरोसा और समय के साथ चलना चाहिए। स्वंय पर भरोसा और समय के साथ चलना चाहिए।
" ए मैडम! अब साजिद ने बनावटी गुस्से के तेवर दिखाए। " ए मैडम! अब साजिद ने बनावटी गुस्से के तेवर दिखाए।
मैं अब थोड़ा- थोड़ा ऊबने लगा था। मुझे लगता था कि वो अपनी कोई समस्या बताएंगी। मैं अब थोड़ा- थोड़ा ऊबने लगा था। मुझे लगता था कि वो अपनी कोई समस्या बताएंगी।
मैं फ़िर से केमिस्ट्री की पुनः परीक्षा की तैयारी में लग गया। मैं फ़िर से केमिस्ट्री की पुनः परीक्षा की तैयारी में लग गया।